Pakistan Reaction Rajnath Singh IAEA Statement: राजनाथ सिंह के परमाणु बयान पर पाकिस्तान का तीखा पलटवार

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में श्रीनगर में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए International Atomic Energy Agency (IAEA) से इनकी निगरानी की मांग की। इस बयान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। Pakistan reaction Rajnath Singh IAEA statement में पाकिस्तान ने इस बयान को “IAEA के अधिकार क्षेत्र की अज्ञानता” करार दिया और इसे भारत की “असुरक्षा और हताशा” का नतीजा बताया। यह विवाद Operation Sindoor Pakistan के बाद और गहरा गया है, जिसमें भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की थी। आइए, इस मुद्दे की गहराई में उतरें और समझें कि Rajnath Singh nuclear weapons बयान ने क्यों हलचल मचाई है।

Pakistan Reaction Rajnath Singh IAEA Statement राजनाथ सिंह के परमाणु बयान पर पाकिस्तान का तीखा पलटवार

राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

15 मई 2025 को, राजनाथ सिंह ने श्रीनगर के बडामी बाग छावनी में भारतीय सैनिकों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को “गैर-जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र” करार दिया। उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने कितने गैर-जिम्मेदार तरीके से भारत को परमाणु हथियारों की धमकी दी है। मैं श्रीनगर की धरती से यह सवाल उठाता हूं कि क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को IAEA की निगरानी में लाया जाना चाहिए।”

यह बयान Operation Sindoor के बाद आया, जिसमें भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारतीय सेना की तारीफ की, साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ एकजुटता को सराहा।

पाकिस्तान का जवाब: आलोचना और पलटवार

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने राजनाथ सिंह के बयान की कड़ी निंदा की। मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “ये गैर-जिम्मेदार बयान भारत की गहरी असुरक्षा और हताशा को दर्शाते हैं। पाकिस्तान की पारंपरिक सैन्य क्षमता भारत को रोकने के लिए पर्याप्त है, और हमें भारत की तरह स्व-लगाए गए ‘परमाणु ब्लैकमेल’ की जरूरत नहीं है।”

पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया कि IAEA और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में परमाणु और रेडियोधर्मी सामग्री की चोरी और अवैध तस्करी की घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए। कुछ X उपयोगकर्ताओं ने भी पाकिस्तान का समर्थन करते हुए दावा किया कि उनके परमाणु हथियार अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत हैं। हालांकि, ये दावे विवादास्पद हैं और स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किए गए।

IAEA का रुख और तकनीकी सीमाएं

IAEA ने राजनाथ सिंह के बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उसने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के किसी भी परमाणु सुविधा से कोई रेडिएशन रिसाव नहीं हुआ है। यह बयान सोशल मीडिया पर कथित तौर पर पाकिस्तान के किराना हिल्स में रेडिएशन रिसाव की अफवाहों के जवाब में आया, जिसे भारतीय वायुसेना ने खारिज किया।

IAEA का मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना है। हालांकि, IAEA Pakistan nuclear oversight की मांग को लागू करना मुश्किल है, क्योंकि पाकिस्तान ने Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। NPT पर हस्ताक्षर न करने वाले देशों (जैसे भारत, पाकिस्तान, इजरायल) के सैन्य परमाणु कार्यक्रम IAEA की निगरानी के दायरे में नहीं आते।

ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ

Operation Sindoor ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया मोड़ ला दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के जवाब में भारत ने 7 मई को आतंकी ठिकानों पर हमले किए। राजनाथ सिंह ने इसे “भारत के इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई” बताया। पाकिस्तान ने इन हमलों को “आक्रामक” करार दिया और अपनी संलिप्तता से इनकार किया।

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान परमाणु हथियारों की धमकी दी थी, जिसे भारत ने “परमाणु ब्लैकमेल” करार दिया। सिंह ने कहा कि भारत इस धमकी से नहीं डरा और आतंकवाद के खिलाफ उसका संकल्प अटल है।

वैश्विक और क्षेत्रीय निहितार्थ

राजनाथ सिंह का बयान भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जो पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र के रूप में उजागर करती है। Rajnath Singh nuclear weapons बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस ओर खींचा है कि क्या पाकिस्तान जैसे देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भारत की कूटनीतिक पहल हो सकता है, जिसका उद्देश्य IAEA और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों के माध्यम से पाकिस्तान पर दबाव बनाना है।

हालांकि, पाकिस्तान का गैर-NPT सदस्य होना और उसका चीन के साथ गहरा रणनीतिक गठजोड़ इस प्रक्रिया को जटिल बनाता है। Operation Sindoor Pakistan के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई, लेकिन सीमा पर तनाव और कूटनीतिक तल्खी बरकरार है।

FAQs: Pakistan Reaction Rajnath Singh IAEA Statement

1. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर क्या कहा?
उन्होंने पाकिस्तान को “गैर-जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र” करार दिया और उसके परमाणु हथियारों को IAEA की निगरानी में लाने की मांग की।

2. पाकिस्तान ने इस बयान का जवाब कैसे दिया?
पाकिस्तान ने इसे भारत की “असुरक्षा और हताशा” बताया और IAEA के अधिकार क्षेत्र की अज्ञानता का आरोप लगाया।

3. क्या IAEA पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी कर सकता है?
नहीं, क्योंकि पाकिस्तान NPT पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, और IAEA का सैन्य परमाणु कार्यक्रमों पर अधिकार सीमित है।

4. ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए।

निष्कर्ष

Pakistan reaction Rajnath Singh IAEA statement ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और उजागर किया है। Rajnath Singh nuclear weapons बयान ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की परमाणु नीतियों पर सवाल उठाए, जबकि पाकिस्तान ने इसे भारत की हताशा करार दिया। Operation Sindoor Pakistan और IAEA की भूमिका को लेकर यह विवाद अभी और गहरा सकता है। क्या यह बयान भारत की कूटनीतिक जीत बनेगा, या क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ाएगा? अधिक अपडेट्स के लिए vacancytarget.com पर बने रहें!

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