भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने अपने Supersonic Target Missile (STAR) प्रोजेक्ट में एक नया मुकाम हासिल किया है। STAR Missile DRDO testing अब अपने तीसरे चरण (Phase-III) में प्रवेश कर चुका है, जहां यह मिसाइल पूर्ण सिस्टम एकीकरण और उन्नत वैलिडेशन ट्रायल्स से गुजर रही है। यह मिसाइल न केवल भारत की वायु, थल और नौसेना को युद्ध प्रशिक्षण में मदद करेगी, बल्कि भविष्य के हाई-स्पीड मिसाइल प्रोग्राम्स के लिए भी आधार तैयार करेगी। Operation Sindoor missile tech की सफलता के बाद, STAR मिसाइल भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है। आइए, DRDO STAR Missile Phase-III की खासियतों और इसकी रणनीतिक अहमियत पर नजर डालें।

STAR मिसाइल क्या है और क्यों है खास?
STAR (Supersonic Target and Reconnaissance) Missile एक स्वदेशी मिसाइल है, जिसे DRDO ने सुपरसोनिक खतरों का अनुकरण करने के लिए विकसित किया है। यह मिसाइल Mach 2.5 से अधिक की गति से उड़ान भरती है और तेजी से ऊंचाई बदलने और जटिल युद्धाभ्यास करने में सक्षम है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में प्रशिक्षण देना है, ताकि वे आधुनिक क्रूज मिसाइलों और स्टैंडऑफ हथियारों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
इस मिसाइल की खासियत इसकी मॉड्यूलर डिजाइन है, जो इसे विभिन्न मिशन प्रोफाइल्स और त्रि-सेवाओं (वायुसेना, थलसेना, नौसेना) की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित करने की सुविधा देती है। Supersonic Target Missile India न केवल प्रशिक्षण के लिए उपयोगी है, बल्कि यह भविष्य में BrahMos जैसे महंगे मिसाइलों का किफायती विकल्प भी बन सकता है।
Phase-III टेस्टिंग: अंतिम वैलिडेशन का दौर
DRDO STAR Missile Phase-III में मिसाइल के सभी सबसिस्टम्स, जैसे प्रोपल्शन, गाइडेंस, और कंट्रोल, को एक पूर्ण-स्तरीय प्रोटोटाइप में एकीकृत किया जा रहा है। इस चरण में मिसाइल को कई लाइव ट्रायल्स से गुजरना होगा, जहां यह युद्ध जैसी परिस्थितियों में अपनी सटीकता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन को साबित करेगी।
इन टेस्ट्स में मिसाइल को विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों, जैसे ऊंचाई (100 मीटर से 10 किलोमीटर) और रेंज (55 से 175 किलोमीटर) में परखा जाएगा। DRDO के इंजीनियर्स सुरक्षा प्रोटोकॉल्स और ग्राउंड व एयरबोर्न सपोर्ट सिस्टम्स के साथ संगतता की भी जांच कर रहे हैं। सफल टेस्टिंग के बाद, मिसाइल को सीमित उत्पादन और यूजर ट्रायल्स के लिए हरी झंडी मिल सकती है।
तकनीकी विशेषताएं और रणनीतिक उपयोग
STAR Missile DRDO testing में कई उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है:
- लिक्विड फ्यूल रैमजेट इंजन: यह इंजन मिसाइल को कम ईंधन के साथ लंबी अवधि तक हाई-स्पीड उड़ान की क्षमता देता है। यह डिजाइन लागत को कम करता है और बार-बार टेस्टिंग को आसान बनाता है।
- स्पीड और रेंज: Mach 1.8 से 2.5 की गति और 55-175 किलोमीटर की रेंज STAR को दुश्मन की तेज मिसाइलों का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
- मल्टी-प्लेटफॉर्म उपयोग: STAR को ग्राउंड-लॉन्च (बूस्टर स्टेज के साथ) और एयर-लॉन्च (LCA तेजस जैसे फाइटर जेट्स से) दोनों तरीकों से तैनात किया जा सकता है।
यह मिसाइल Operation Sindoor जैसे ऑपरेशन्स में डिकॉय के रूप में भी उपयोगी साबित हो सकती है, जैसा कि भारत ने बंशी ड्रोन का उपयोग किया था। इसका एयर-लॉन्च वर्जन Anti-AWACS और Anti-Radiation मिशनों में भी रणनीतिक लाभ दे सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी तकनीक की ताकत
हाल ही में Operation Sindoor में भारत ने BrahMos, Akash, और D4 Anti-Drone System जैसे स्वदेशी हथियारों का उपयोग कर अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन में Akash मिसाइल ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया, जबकि BrahMos ने सटीक हमले किए। STAR Missile ऐसी तकनीकों का विस्तार है, जो भारत को न केवल युद्ध के लिए, बल्कि प्रशिक्षण और सिमुलेशन के लिए भी आत्मनिर्भर बनाएगी।
STAR का विकास DRDO के रैमजेट इंजन प्रोग्राम्स के लिए भी एक टेस्टबेड का काम करेगा। इससे भविष्य में AWACS Killers, Tactical Anti-Radiation Missiles, और किफायती क्रूज मिसाइलों के विकास में मदद मिलेगी।
भारत की मिसाइल तकनीक में DRDO का योगदान
DRDO ने पिछले कुछ दशकों में मिसाइल तकनीक में भारत को विश्व स्तर पर अग्रणी बनाया है। BrahMos में जहां रूस की तकनीक शामिल थी, वहीं STAR Missile पूरी तरह स्वदेशी है। यह मिसाइल न केवल लागत-प्रभावी है, बल्कि यह भारत की त्रि-सेवाओं को एकीकृत प्रशिक्षण मंच प्रदान करेगी।
STAR की सफलता भारत के Aatmanirbhar Bharat अभियान को मजबूती देगी और आयात पर निर्भरता को कम करेगी। यह मिसाइल Women’s ODI World Cup 2025 जैसे वैश्विक आयोजनों से पहले भारत की तकनीकी ताकत को भी प्रदर्शित करेगी।
FAQs: STAR Missile DRDO Testing से जुड़े सवाल
1. STAR मिसाइल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
STAR मिसाइल का उपयोग सुपरसोनिक खतरों का अनुकरण करने और सशस्त्र बलों को युद्ध प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है।
2. STAR मिसाइल की गति और रेंज कितनी है?
यह Mach 1.8 से 2.5 की गति और 55-175 किलोमीटर की रेंज में काम करता है।
3. क्या STAR मिसाइल ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों में उपयोगी हो सकती है?
हां, इसका उपयोग डिकॉय और सिमुलेशन के लिए किया जा सकता है, जैसा कि बंशी ड्रोन का उपयोग हुआ था।
4. STAR मिसाइल का प्रोपल्शन सिस्टम क्या है?
यह लिक्विड फ्यूल रैमजेट इंजन का उपयोग करता है, जो हाई-स्पीड और लंबी अवधि की उड़ान को सपोर्ट करता है।
निष्कर्ष
STAR Missile DRDO testing भारत की रक्षा तकनीक में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। DRDO STAR Missile Phase-III की सफलता न केवल भारतीय सशस्त्र बलों को उन्नत प्रशिक्षण मंच प्रदान करेगी, बल्कि भविष्य के मिसाइल प्रोग्राम्स के लिए भी आधार तैयार करेगी। Supersonic Target Missile India और Operation Sindoor missile tech की सफलता भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य ताकत को दर्शाती है। क्या STAR मिसाइल भारत को मिसाइल तकनीक में वैश्विक लीडर बनाएगी? अधिक अपडेट्स के लिए vacancytarget.com पर बने रहें!